किसी पावन तीर्थ जैसे हरिद्वार से कंधे पर गंगाजल लेकर आने और अपने घर के नजदीक भगवान शिव के ज्योतिर्लिंगों पर चढ़ाने की परंपरा ‘कांवड़ यात्रा’ कहलाती है। सावन में भगवान महादेव की और भक्तों के बीच की दूरी कम हो जाती है। इसलिए भगवान को प्रसन्न कर मनोवांछित फल पाने के लिए कई उपायों में एक उपाय कांवड़ यात्रा भी है, इसे शिव को प्रसन्न करने का सहज मार्ग माना बताया जा रहा है
क्या आपको पता है शिव जी और ब्रह्मा, विष्णु जी तो केवल तीन लोक के भगवान है
ये अपने साधक के पाप कर्म नहीं काट सकते
ये साधक के भाग्य को ना ही बदल सकते हैं
लेकिन एक परमात्मा जो सबसे सक्षम है जिसकी शरण में जाने के लिए पूर्ण गुरु की खोज करके भागती ग्रहण करके आजीवन भगति करके उस परमात्मा को पाया जा सकता है अर्थार्त पूर्ण मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है
लेकिन वर्तमान में बोले श्रद्धालू को पता ही नहीं कोन पूर्ण परमात्मा है
इसके लिए संत रामपाल जी महाराज का सत्संग सुने
प्रमाण सहित आपको जानकारी मिलेगी
वर्तमान में सभी शास्त्रों से प्रमाणित ग्यान केवल संत रामपाल जी महाराज बता रहे हैं
यकीन ना हो तो सुनकर देखिए
👇
साधना Tv 7 :30 pm से
और ज्ञान गंगा पुस्तक भी पढ़े
📺📺📕📕
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