मनुष्य इस संसार में आता है, उसके अन्दर स्वाभाविक ही यह जानने की इच्छा पैदा होती है कि वो क्या है, कहाँ से आया है, कहाँ जाएगा? इसी तरह हर व्यक्ति जो किसी भी जाति, धर्म, समाज, सम्प्रदाय, देश का हो, वो भी यह जानने के लिए विवश है कि मेरी जाति, धर्म, सम्प्रदाय क्या है, कैसे बनी? अपने आप को जानने से पहले इन बातों का ज्ञान आवश्यक है. इन बातों के ज्ञान के लिए प्रकट रूप में पता लगता है कि मुझे माता-पिता ने उत्पन्न किया और मेरा यह नाम है, यह जाति है, यह धर्म है. तो यह माता पिता बताते हैं, तेरा क्या नाम है, तू हमारा लड़का-लड़की है मानव वास्तव में कोन कहला सकता है
आइए इस पर आपको थोड़ा विवरण देते हैं
मानव शब्द ही मानवता को दर्शाता है
जिसके अन्दर मानवता नहीं है दूसरे के प्रति - जेसे किसी को तकलीफ में देखकर भी उसका सहयोग ना देना, किसी गरीब की मदद ना करना, इंसान ना होने के ही लक्षण है
एक अच्छे इंसान के लक्षण होते हैं कि वह अपने मनुष्य जीवन के उदेश्य को सफ़ल करता है
सफल भी पूर्ण गुरु से नाम दीक्षा लेकर अंतिम साँस तक भक्ति करने से बुराईयों से दूर रहना, रिश्वतखोरी, दाहेज नहीं लेना
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज के शिष्य में ही इंसान वाले गुण है
क्यों है क्योंकि संत रामपाल जी महाराज द्वारा दी हुई शिक्षा से किसी भी प्रकार की बुराई नहीं करते
चोरी जारी, रिश्वतखोरी, नशा, दहेज प्रथा, धोखाधड़ी आदि नहीं करते जो कि इंसान में गुण होने चाहिए
आज समाज के प्रत्येक मानव को इंन नियमों का पालन करना चाहिए ताकि परमात्मा का विधान ना टूटे और परमात्मा कबीर जी हमारे साथ रहे
परमात्मा की भक्ति करना इंसान का प्रथम कार्य होता है
इसलिए और अधिक जानकारी के लिए
देखिए
साधना Tv 7 :30 pm से
Definition of human
आइए इस पर आपको थोड़ा विवरण देते हैं
मानव शब्द ही मानवता को दर्शाता है
जिसके अन्दर मानवता नहीं है दूसरे के प्रति - जेसे किसी को तकलीफ में देखकर भी उसका सहयोग ना देना, किसी गरीब की मदद ना करना, इंसान ना होने के ही लक्षण है
एक अच्छे इंसान के लक्षण होते हैं कि वह अपने मनुष्य जीवन के उदेश्य को सफ़ल करता है
सफल भी पूर्ण गुरु से नाम दीक्षा लेकर अंतिम साँस तक भक्ति करने से बुराईयों से दूर रहना, रिश्वतखोरी, दाहेज नहीं लेना
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज के शिष्य में ही इंसान वाले गुण है
क्यों है क्योंकि संत रामपाल जी महाराज द्वारा दी हुई शिक्षा से किसी भी प्रकार की बुराई नहीं करते
चोरी जारी, रिश्वतखोरी, नशा, दहेज प्रथा, धोखाधड़ी आदि नहीं करते जो कि इंसान में गुण होने चाहिए
आज समाज के प्रत्येक मानव को इंन नियमों का पालन करना चाहिए ताकि परमात्मा का विधान ना टूटे और परमात्मा कबीर जी हमारे साथ रहे
परमात्मा की भक्ति करना इंसान का प्रथम कार्य होता है
इसलिए और अधिक जानकारी के लिए
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