बीमारियां क्यों होती है :-
दरअसल आपको बता दे कि बीमारियाँ आज सभी को अपने अंदर जकड़ हुई है
फिर चाहे शिशु हो या युवा, वयस्क, वृद्ध किसी को भी नहीं छोड़ रही
बीमारियाँ द्बारा आज पूरा समाज को अपनी चपेट में बड़ी तेजी से ले रहा है
केंसर, किडनी फेल, श्वान लेने में परेशानी, गले का केंसर, ब्लड केंसर, दांतों में सड़न आदि अनेकों बीमारी हमारे सही तरीके से खान पान ना करने की बजह से हमारे शरीर में घर कर रहीं हैं
दरअसल आपको बता दे कि बीमारियाँ आज सभी को अपने अंदर जकड़ हुई है
फिर चाहे शिशु हो या युवा, वयस्क, वृद्ध किसी को भी नहीं छोड़ रही
बीमारियाँ द्बारा आज पूरा समाज को अपनी चपेट में बड़ी तेजी से ले रहा है
केंसर, किडनी फेल, श्वान लेने में परेशानी, गले का केंसर, ब्लड केंसर, दांतों में सड़न आदि अनेकों बीमारी हमारे सही तरीके से खान पान ना करने की बजह से हमारे शरीर में घर कर रहीं हैं
बीमारी होने का मुख्य कारण :-
भोजन संबन्धी गलत आदतें :
बीमारी होने के मुख्य एक यह भी है कि हमारा खान - पान
आज हम किस तरह का आहार कर रहे हैं इस पर भी निर्भर
करता है
मनुष्य को जहां स्वच्छ अच्छा आहार - फल, अनाज, पेय पदार्थ (लस्सी, दूध, जूस) आदि लेने चाहिए
लेकिन आज मानव इंन आहार को कम करके
शराब, मांस, तंबाकू, गुटका, चेनी, जेसे नशीले और मांसाहार करता जिससे
हमारे शरीर में अनेकों बीमारियाँ जन्म लेती है और
हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा कर जल्दी ही कमजोर और नष्ट होने के कगार पर ले जाता है
और मृत्यु भी हो जाती है
आखिरी इलाज :-
हमारे पाप कर्म बढ़ने से हमारे उपर संकट और बीमारी आती है जिसको केवल शास्त्र अनुकूल साधना से ही पाप कर्म परमात्मा नष्ट कर्ता है
आपको बता दे वर्तमान में लाखो लोग खुशहाल जीवन जी रहे हैं जिनकी केंसर जेसी भयानक बीमारी पल भर में दूर हो गई
वह केसे संतरामपाल जी शास्त्रों के अनुसार भक्ति अपने
अनुयाइयों अर्थात् शिष्यों द्वारा करवाता है वही पूर्ण संत है। चूंकि भक्ति मार्ग का
संविधान धार्मिक शास्त्रा जैसे - कबीर साहेब की वाणी, नानक साहेब की वाणी, संत
गरीबदास जी महाराज की वाणी, संत धर्मदास जी साहेब की वाणी, वेद, गीता,
पुराण, कुरआन, पवित्रा बाईबल आदि हैं। शास्त्रों के अनुसार भक्ति साधना करने से परमात्मा साधक की आयु भी बढ़ा देता है और रोग का नाश पर करता है
यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्रा 13 में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा पापी से भी पापी
व्यक्तियों के भी सम्पूर्ण पापों का नाश करके भयंकर रोगां से भी मुक्त कर देते हैं
आजीवन गुरु संत रामपाल जी महाराज द्बारा बताई भगति और मर्यादा में रहने से सभी लाभ मिलते हैं
No comments:
Post a Comment