नमस्कार दोस्तों
आज हम अध्यात्म ज्ञान के बारे में बात करेंगे
आध्यात्मिकता की बात की जाए तो
दुनिया में सबसे ज्यादा भगवान को मानने वाले लोग हैं जो परमात्मा की प्राप्ति करना चाहते हैं
आज अगर कोई नास्तिक है भी तो उसका कारण एक ही है कि उसे सही भक्ति साधना का मार्ग नहीं मिला।
जिस वजह से उन्होंने नास्तिकता को चुन लिया। वास्तविकता यह है कि भगवान हैं और नर आकार हैं हम ही भूले हुए हैं।
उस भगवान की सत साधना करके हम मोक्ष की प्राप्ति भी कर सकते हैं
मोक्ष से तो आप सब परिचित ही होंगे
मोक्ष यानी मुक्त होना अर्थात ऐसे स्थान पर चले जाना जहां से फिर कभी मृत्यु लोक पर नहीं आना पड़ता
जन्म और मरण समाप्त हो जाता है
आत्मा जहा से आई थी वहीं वापिस चले जाना
उस परमात्मा के पास रहती है जो उपर सतलोक में विराजमान है
जिसके एक रूम का प्रकाश करोड़ सूर्य - चंद्रमा मिला दे फिर फ़ी फीका रह जाता है इतना सुन्दर और शीतलता प्रदान होती है उसको देखने से
उस अविनाशी स्थान को प्राप्त करने के लिए
पूर्ण संत से नाम दीक्षा ग्रहण कर. सहज में भक्ति करके प्राप्ति होती है
*मोक्ष - मोक्ष कैसे प्राप्त हो सकता है ?*
न जाने कितने ॠषि मुनि तपस्वी साधना करके थक गए परन्तु उन्हें परमात्मा के दर्शन नहीं हुए बस प्रकाश सा दिखाई दिया ऐसा उनके अनुभवों में लिखा हो ,जिसको आधार मानकर उन्होंने मान लिया कि परमात्मा निराकार है और यही अन्तिम उपलब्धि मान ली।
वास्तव में परमात्मा साकार है जिसका प्रमाण हमारे वेदों में है: -
ऋग्वेद मंडल 9 सुक्त 82 मंत्र 2 में स्पष्ट लिखा है कि परमात्मा का नाम कविर्देव है।
मोक्ष प्राप्त करने के लिए हमें सबसे पहले उस गुरु की पहचान करनी होगी जो हमें पूर्ण मोक्ष प्राप्त करवा सकते हैं, क्योंकि गुरु बनाना बहुत आवश्यक है और गुरु बिना मोक्ष नहीं हो सकता।
अब सवाल यह उठता है कि आज के समय में इतने धर्म गुरु हैं पहचान कैसे हो कि कौन हमें मोक्ष का रास्ता बताएगा।
इसकी पहचान होगी सत्संग में बताए सच्चे ज्ञान से।
मैंने एक दिन साधना चैनल पर शाम 7:30 बजे एक संत का सत्संग सुना ,उन संत का नाम संत रामपाल जी महाराज है । वो संत हमारे सद्ग्रंथो से प्रमाणित करके सत्संग सुना रहे थे जैसे: - पवित्र गीता जी के अं नं 16 के 23 नं श्लोक में प्रमाण है जो व्यक्ति शास्त्र विधि त्याग कर मनमाना आचरण करता है उसे न सुख होता है न सिद्धि प्राप्त होती है और न ही परम गति होती है।
पवित्र गीता जी में यह भी बताया है कि सच्चे संत की क्या पहचान है ?
प्रमाण: - गीता अं नं 15 के 1 से 4 नं श्लोक में बताया है जो उल्टे लटके संसार रूपी वृक्ष के सारे विभाग के बारे में विस्तार से बताएगा ,वही तत्वदर्शी संत है।
गीता अं नं 17 के 23 नं श्लोक में प्रमाण है: - ऊँ,तत्,सत् पूर्ण ब्रह्म को पाने का मूल मंत्र है जिसमें तत् और सत् सांकेतिक है जो पूर्ण गुरु ही बता सकता है।
जब हमें सच्चे संत की पहचान हो जाएगी और पूर्ण परमात्मा की पहचान हो जाएगी तो मोक्ष में कोई देर नहीं है।
क्योंकि भक्ति करना बहुत आसान है कहीं बैठ कर तप नहीं करना, चलते -फिरते काम करते -करते भक्ति करना है
परमात्मा कुछ भी कर सकते हैं अपने साधकों को पूर्ण लाभ देते हैं, बस अभी तक हमें उस परमात्मा की पहचान ही नहीं हुई थी जो हमारे संकटों का निवारण कर सके ,चाहे वो कोरोना जैसी भयंकर बीमारी ही क्यों न हो ।
सतगुरु जो चाहे सो करहीं ,चौदह कोटि दूत जम डरही।
ऊत भूत जम त्रास निवारे, चित्रगुप्त के कागज़ फाड़े।।
ऐसा निर्मल ज्ञान मैने आज तक नहीं सुना था जो मैंने साधना चैनल पर 7:30 शाम को सुना ।
आप भी अवश्य सुनें और
अवश्य पढ़ें
पुस्तक ज्ञान गंगा 📕📕
सतगुरु एक ही होता है एक समय में
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज है
अपना कल्यान करवाए देरी ना करे
🙏🙏
आज हम अध्यात्म ज्ञान के बारे में बात करेंगे
आध्यात्मिकता की बात की जाए तो
दुनिया में सबसे ज्यादा भगवान को मानने वाले लोग हैं जो परमात्मा की प्राप्ति करना चाहते हैं
आज अगर कोई नास्तिक है भी तो उसका कारण एक ही है कि उसे सही भक्ति साधना का मार्ग नहीं मिला।
जिस वजह से उन्होंने नास्तिकता को चुन लिया। वास्तविकता यह है कि भगवान हैं और नर आकार हैं हम ही भूले हुए हैं।
उस भगवान की सत साधना करके हम मोक्ष की प्राप्ति भी कर सकते हैं
मोक्ष से तो आप सब परिचित ही होंगे
मोक्ष यानी मुक्त होना अर्थात ऐसे स्थान पर चले जाना जहां से फिर कभी मृत्यु लोक पर नहीं आना पड़ता
जन्म और मरण समाप्त हो जाता है
आत्मा जहा से आई थी वहीं वापिस चले जाना
उस परमात्मा के पास रहती है जो उपर सतलोक में विराजमान है
Way To Salvation |
जिसके एक रूम का प्रकाश करोड़ सूर्य - चंद्रमा मिला दे फिर फ़ी फीका रह जाता है इतना सुन्दर और शीतलता प्रदान होती है उसको देखने से
उस अविनाशी स्थान को प्राप्त करने के लिए
पूर्ण संत से नाम दीक्षा ग्रहण कर. सहज में भक्ति करके प्राप्ति होती है
*मोक्ष - मोक्ष कैसे प्राप्त हो सकता है ?*
न जाने कितने ॠषि मुनि तपस्वी साधना करके थक गए परन्तु उन्हें परमात्मा के दर्शन नहीं हुए बस प्रकाश सा दिखाई दिया ऐसा उनके अनुभवों में लिखा हो ,जिसको आधार मानकर उन्होंने मान लिया कि परमात्मा निराकार है और यही अन्तिम उपलब्धि मान ली।
वास्तव में परमात्मा साकार है जिसका प्रमाण हमारे वेदों में है: -
ऋग्वेद मंडल 9 सुक्त 82 मंत्र 2 में स्पष्ट लिखा है कि परमात्मा का नाम कविर्देव है।
मोक्ष प्राप्त करने के लिए हमें सबसे पहले उस गुरु की पहचान करनी होगी जो हमें पूर्ण मोक्ष प्राप्त करवा सकते हैं, क्योंकि गुरु बनाना बहुत आवश्यक है और गुरु बिना मोक्ष नहीं हो सकता।
अब सवाल यह उठता है कि आज के समय में इतने धर्म गुरु हैं पहचान कैसे हो कि कौन हमें मोक्ष का रास्ता बताएगा।
इसकी पहचान होगी सत्संग में बताए सच्चे ज्ञान से।
मैंने एक दिन साधना चैनल पर शाम 7:30 बजे एक संत का सत्संग सुना ,उन संत का नाम संत रामपाल जी महाराज है । वो संत हमारे सद्ग्रंथो से प्रमाणित करके सत्संग सुना रहे थे जैसे: - पवित्र गीता जी के अं नं 16 के 23 नं श्लोक में प्रमाण है जो व्यक्ति शास्त्र विधि त्याग कर मनमाना आचरण करता है उसे न सुख होता है न सिद्धि प्राप्त होती है और न ही परम गति होती है।
Way To Salvation |
पवित्र गीता जी में यह भी बताया है कि सच्चे संत की क्या पहचान है ?
प्रमाण: - गीता अं नं 15 के 1 से 4 नं श्लोक में बताया है जो उल्टे लटके संसार रूपी वृक्ष के सारे विभाग के बारे में विस्तार से बताएगा ,वही तत्वदर्शी संत है।
गीता अं नं 17 के 23 नं श्लोक में प्रमाण है: - ऊँ,तत्,सत् पूर्ण ब्रह्म को पाने का मूल मंत्र है जिसमें तत् और सत् सांकेतिक है जो पूर्ण गुरु ही बता सकता है।
जब हमें सच्चे संत की पहचान हो जाएगी और पूर्ण परमात्मा की पहचान हो जाएगी तो मोक्ष में कोई देर नहीं है।
क्योंकि भक्ति करना बहुत आसान है कहीं बैठ कर तप नहीं करना, चलते -फिरते काम करते -करते भक्ति करना है
परमात्मा कुछ भी कर सकते हैं अपने साधकों को पूर्ण लाभ देते हैं, बस अभी तक हमें उस परमात्मा की पहचान ही नहीं हुई थी जो हमारे संकटों का निवारण कर सके ,चाहे वो कोरोना जैसी भयंकर बीमारी ही क्यों न हो ।
सतगुरु जो चाहे सो करहीं ,चौदह कोटि दूत जम डरही।
ऊत भूत जम त्रास निवारे, चित्रगुप्त के कागज़ फाड़े।।
ऐसा निर्मल ज्ञान मैने आज तक नहीं सुना था जो मैंने साधना चैनल पर 7:30 शाम को सुना ।
आप भी अवश्य सुनें और
अवश्य पढ़ें
पुस्तक ज्ञान गंगा 📕📕
सतगुरु एक ही होता है एक समय में
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज है
अपना कल्यान करवाए देरी ना करे
🙏🙏